जो सफ़ल थे
केवल उनकी असफलताएँ दर्ज़ हैं इतिहास में
जबकि नदी, मछली और पहाड़ों की 'होती हैं'
पूर्व निर्धारित भौगोलिक सीमा रेखाएं
मानव ने इतिहास से 'निर्मित किया' है उन्हें
झूठ है कि इतिहास दोहराता है अपने आप को
वास्तविकता यह है कि
हम सोच-समझ कर दोहराते हैं उसे
किसी कैलक्यूलेटेड रिस्क के चलते
सोचता हूँ,
कैसे याद रखती होंगी बिल्लियाँ अपना इतिहास
और चूहे क्यूँ भूल जाते हैं अक्सर उसे?
जीवित रहने के लिए इतिहास आवश्यक है
लेकिन अंततः यही मार डालता है हमें
इतिहास के बाहर सब टाईम प्रूफ है
अमर।
"मैं हूँ क्यूंकि मुझे पिछला पल याद है"
इतिहास पैराडॉक्सियल साजिश है किसी की
या खुद हमारी ही भूल शायद
हमारे इगो को जिलाए रखने की
हमको लगातार अपमानित करते हुए
इतिहास जब हमारी सोच को परतंत्र बनाता है
तो सर्वप्रथम वो हमारी सोच में फीड करता है
"तुम मुक्त हो"
good one
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